Retirement Age Hike:हाल ही में सोशल मीडिया और कुछ मीडिया रिपोर्टों में यह दावा किया जा रहा था कि केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति (Retirement) की उम्र बढ़ाने जा रही है। इन खबरों से सरकारी कर्मचारियों के बीच भ्रम की स्थिति बन गई थी। लेकिन अब केंद्र सरकार की ओर से संसद में इस मुद्दे पर पूरी स्पष्टता के साथ जवाब दिया गया है।
राज्यसभा में उठा सवाल
राज्यसभा में बीजेपी सांसद तेजवीर सिंह ने इस विषय पर दो अहम सवाल पूछे:
क्या केंद्र सरकार समय से पहले रिटायरमेंट की कोई योजना बना रही है?
क्या कर्मचारी देर से रिटायरमेंट ले सकते हैं?
इन दोनों सवालों का जवाब देते हुए केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने साफ कहा कि सरकार के पास ऐसी कोई योजना नहीं है और न ही भविष्य में कोई नीति लाने का विचार है।
रिटायरमेंट की उम्र विभाग पर निर्भर
केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों और पदों के अनुसार कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र तय होती है।
अधिकतर कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति उम्र 60 वर्ष है।
कुछ विशेष पदों जैसे जज, प्रोफेसर आदि के लिए यह उम्र 62 से 65 वर्ष तक हो सकती है।
इन सभी नियमों के लिए केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम 2021 और अखिल भारतीय सेवा नियम 1958 लागू होते हैं।
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) का विकल्प
जो कर्मचारी खुद से जल्दी रिटायर होना चाहते हैं, उनके लिए VRS (Voluntary Retirement Scheme) का विकल्प मौजूद है। लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें होती हैं, जैसे:
कर्मचारी ने एक निश्चित सेवा अवधि पूरी की हो।
यह पूरी तरह से स्वैच्छिक होता है, सरकार इसे किसी पर थोपती नहीं है।
सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाले लाभ
सरकारी कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद कई वित्तीय लाभ प्राप्त करते हैं, जैसे:
मासिक पेंशन
ग्रेच्युटी
भविष्य निधि (PF)
लीव एनकैशमेंट
ये लाभ रिटायरमेंट के बाद एक सुरक्षित और आर्थिक रूप से स्थिर जीवन जीने में मदद करते हैं।
वीआरएस लेना पूरी तरह से वैकल्पिक
केंद्रीय मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार की ओर से किसी को भी VRS लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा रहा है। यह पूरी तरह से कर्मचारी के व्यक्तिगत निर्णय पर आधारित है। सरकार की ओर से न तो कोई नई योजना बनाई गई है और न ही जबरन रिटायरमेंट देने की कोई नीति पर विचार चल रहा है।
कुछ पदों के लिए अलग नियम
जहां आमतौर पर कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र 60 साल होती है, वहीं कुछ विशिष्ट पदों के लिए यह अलग होती है।
उदाहरण के लिए:
सुप्रीम कोर्ट जज: 65 वर्ष
हाईकोर्ट जज: 62 वर्ष
विश्वविद्यालय प्रोफेसर: 65 वर्ष
ये नियम जिम्मेदारियों और पद की प्रकृति के आधार पर तय किए जाते हैं।
कोई बदलाव नहीं – सरकार की स्थिति साफ
केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने या कम करने की कोई योजना नहीं है। संसद में दिए गए बयान से साफ हो गया है कि रिटायरमेंट को लेकर चल रही सभी अफवाहें निराधार हैं।
सरकार की ओर से यह बयान स्पष्ट करता है कि कर्मचारियों को मौजूदा रिटायरमेंट नीति के अनुसार ही अपने भविष्य की योजनाएं बनानी चाहिए। वीआरएस का विकल्प खुला है लेकिन वह भी पूरी तरह से स्वैच्छिक है। ऐसे में कर्मचारियों को किसी भी अफवाह से प्रभावित होने की जरूरत नहीं है।
यह लेख केवल सामान्य जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। यदि भविष्य में सरकारी नीतियों में कोई बदलाव होता है, तो आधिकारिक अधिसूचना को ही मान्य माना जाएगा