Petrol Diesel Price:देशभर में बढ़ती महंगाई आम लोगों की जेब पर बोझ डाल रही है। खासकर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में हो रही बढ़ोत्तरी से आम जनजीवन पर असर पड़ा है। लेकिन कुछ राज्यों में अब पेट्रोल-डीजल के दामों में राहत देखने को मिल रही है, जिससे सीमावर्ती इलाकों में एक नया ट्रेंड उभरकर सामने आया है।
राजस्थान में टैक्स सबसे ज्यादा, पड़ोसी राज्यों से तुलना
राजस्थान देश का ऐसा राज्य है जहां पेट्रोल और डीजल पर सबसे अधिक टैक्स वसूला जाता है। वहीं, इसके पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा में ईंधन पर कम टैक्स लगने के कारण कीमतें काफी कम हैं। यही वजह है कि राजस्थान के सीमावर्ती इलाके जैसे श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ के लोग सस्ते पेट्रोल-डीजल की तलाश में पंजाब और हरियाणा की ओर रुख कर रहे हैं।
पंजाब सीमा पर पेट्रोल पंपों पर भारी भीड़
श्रीगंगानगर से महज कुछ किलोमीटर दूर अबोहर रोड पर पंजाब की सीमा में दर्जनों पेट्रोल पंप मौजूद हैं। इन पेट्रोल पंपों पर सुबह से देर रात तक लंबी कतारें देखी जा रही हैं। लोग सिर्फ अपनी गाड़ियों में ही नहीं, बल्कि ड्रम और डिब्बों में भी ईंधन भरवा कर ले जा रहे हैं ताकि वे अधिक मात्रा में पेट्रोल-डीजल स्टॉक कर सकें।
व्यापारियों ने शुरू की ईंधन की तस्करी
इस अंतरराज्यीय मूल्य अंतर का फायदा अब छोटे व्यापारी भी उठा रहे हैं। श्रीगंगानगर से लेकर बीकानेर तक कई व्यापारी बिना किसी वैध परमिट के पंजाब और हरियाणा से थोक में ईंधन खरीदकर उसे राजस्थान में ऊंचे दामों पर बेच रहे हैं। इस प्रक्रिया में न तो टैक्स का भुगतान किया जा रहा है और न ही सरकार के किसी नियम का पालन हो रहा है।
हरियाणा सीमा बनी ‘ईंधन हब’
हनुमानगढ़ जिले के कई गांव जैसे चौटाला, आशा खेड़ा और अबूबशहर के लोग भी हरियाणा से सस्ता पेट्रोल-डीजल खरीद रहे हैं। इन गांवों से हरियाणा की सीमा महज 4-5 किलोमीटर दूर है और वहां ईंधन ₹10 प्रति लीटर तक सस्ता मिल रहा है। ऐसे में रोजाना यात्रा करने वाले लोग सीमावर्ती हरियाणा के पंपों से ही ईंधन भरवाना ज्यादा बेहतर समझ रहे हैं।
डीलर्स ने की कर दरों में कटौती की मांग
श्रीगंगानगर पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आशुतोष गुप्ता ने राज्य सरकार से मांग की है कि कर दरों की समीक्षा की जाए। उनका कहना है कि जब तक राजस्थान सरकार टैक्स कम नहीं करेगी, तब तक ना तो अवैध आपूर्ति रुकेगी और ना ही स्थानीय डीलरों को फायदा मिलेगा। फिलहाल जो भी उपाय किए जा रहे हैं, वे केवल दिखावे के हैं और स्थायी समाधान नहीं दे सकते।
सरकारी राजस्व को नुकसान
ईंधन की तस्करी और सीमावर्ती राज्यों से खरीद के कारण राजस्थान सरकार को हर महीने करोड़ों रुपये के टैक्स का नुकसान हो रहा है। स्थानीय पेट्रोल पंप खाली पड़े हैं क्योंकि उपभोक्ता सस्ता विकल्प चुन रहे हैं। जब किसी को ₹8-₹10 प्रति लीटर की बचत हो रही हो, तो वह क्यों महंगा पेट्रोल खरीदेगा?
समाधान की ओर कदम ज़रूरी
अब समय आ गया है कि राजस्थान सरकार इस गंभीर मुद्दे पर ठोस कदम उठाए। टैक्स दरों को पड़ोसी राज्यों के बराबर लाकर ईंधन तस्करी पर रोक लगाई जा सकती है और राजस्व में भी बढ़ोतरी संभव है। इसके साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने और अवैध कारोबार पर कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है।
अंतिम सुझाव
अगर आप भी सीमावर्ती इलाके में रहते हैं और सस्ते पेट्रोल-डीजल की तलाश में हैं, तो यह समझना जरूरी है कि अवैध तरीके से खरीदा गया ईंधन न केवल कानून के खिलाफ है, बल्कि यह आपके वाहन के इंजन के लिए भी हानिकारक हो सकता है। सही जानकारी और वैध तरीके से ही निर्णय लें।