Personal Loan 2025: आर्थिक संकट के समय पर्सनल लोन एक तेज और आसान विकल्प माना जाता है क्योंकि इसमें किसी संपत्ति को गिरवी रखने की जरूरत नहीं होती। लेकिन अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इसके नियमों में बदलाव कर दिए हैं। इन नए नियमों का मकसद है कि बैंकों की वित्तीय स्थिति को मजबूत बनाया जा सके और आम लोगों को अनावश्यक कर्ज से बचाया जा सके। आइए जानते हैं कि ये नए नियम क्या हैं और इसका आम लोगों पर क्या असर होगा।
पर्सनल लोन की प्रक्रिया होगी अब पहले से ज्यादा सख्त
आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे बिना किसी सिक्योरिटी (Unsecured Loan) पर कर्ज देने में अधिक सतर्कता बरतें। साल 2023 में इन लोन पर जोखिम भार (Risk Weight) को 100% से बढ़ाकर 125% किया गया था। अब बैंकों को हर आवेदक की वित्तीय स्थिति का गहराई से विश्लेषण करना होगा। इसका सीधा असर यह होगा कि लोन लेना आसान नहीं रहेगा।
क्रेडिट स्कोर पर होगा खास ध्यान
अब पर्सनल लोन के लिए क्रेडिट स्कोर सबसे अहम भूमिका निभाएगा। जिनका स्कोर अच्छा नहीं होगा, उनके लिए लोन मंजूरी मिलना मुश्किल हो सकता है। अगर आपके ऊपर पहले से होम लोन, कार लोन या कोई अन्य कर्ज है, तो बैंक उसे भी ध्यान में रखकर फैसला लेंगे। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ग्राहक समय पर EMI चुका सके।
रिटेल लोन में तेजी से बढ़ती मांग पर आरबीआई चिंतित
पिछले कुछ वर्षों में पर्सनल लोन की मांग तेजी से बढ़ी है। मार्च 2024 तक इसकी वृद्धि दर 14% रही। निजी बैंकों ने इसमें ज्यादा रुचि दिखाई जबकि सरकारी बैंक थोड़े पीछे रहे। आरबीआई को डर है कि यह अनियंत्रित उधारी कहीं बैंकिंग सिस्टम को कमजोर न बना दे।
निजी बैंकों में बढ़ा कर्ज माफ करने का खतरा
आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, कई निजी बैंक अपने लोन माफ (Write Off) करने की संख्या बढ़ा चुके हैं। इसका मतलब यह है कि ग्राहक लोन चुकाने में असमर्थ हो रहे हैं। इससे बैंक घाटे में जा सकते हैं। इसी कारण आरबीआई ने नियमों को और कठोर बना दिया है।
क्या हो सकते हैं आगे के कदम?
सूत्रों के अनुसार, आरबीआई आने वाले कुछ हफ्तों में एक नया दिशा-निर्देश जारी कर सकता है जिसमें लोन देने की प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी और सख्त होगी। बैंक केवल उन्हीं को लोन देंगे जिनकी चुकाने की क्षमता पक्की हो।
आम उपभोक्ताओं पर कैसा होगा असर?
इन नए नियमों के चलते आम आदमी को पर्सनल लोन के लिए ज्यादा दस्तावेज़ देने होंगे, उनकी क्रेडिट हिस्ट्री और आय की गहराई से जांच की जाएगी। साथ ही, जिनका क्रेडिट स्कोर कम है उन्हें या तो लोन नहीं मिलेगा या फिर बहुत ज्यादा ब्याज दर पर मिलेगा।
पर्सनल लोन लेने से पहले करें ये तैयारी
अपनी क्रेडिट रिपोर्ट जांचें और उसे सुधारें।
समय पर सभी बिल और EMI चुकाएं।
ज्यादा लोन न लें, जितना जरूरी हो उतना ही लें।
विभिन्न बैंकों की ब्याज दर और शर्तें जरूर तुलना करें।
पर्सनल लोन नहीं मिला तो ये विकल्प हैं मौजूद
अगर नए नियमों के कारण पर्सनल लोन न मिले तो आप इन विकल्पों पर विचार कर सकते हैं:
गोल्ड लोन: सोना गिरवी रखकर लोन पाएं
एफडी पर लोन: फिक्स्ड डिपॉजिट के खिलाफ लोन
लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी: अपनी संपत्ति को गिरवी रखकर कम ब्याज पर लोन
आरबीआई के इन नए नियमों का उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली को सुरक्षित बनाना है। हालांकि इससे आम लोगों को थोड़ी परेशानी होगी, लेकिन ये बदलाव भविष्य में उधारी संस्कृति को संतुलित बनाए रखने में मददगार साबित होंगे। अगर आप पर्सनल लोन लेने की सोच रहे हैं तो पहले अपनी क्रेडिट प्रोफाइल को सुधारें और सोच-समझकर ही कोई फैसला लें।