FASTag का होगा The End, जानिए नया सिस्टम:GNSS Toll System

GNSS Toll System:अगर आप रोज़ाना नेशनल हाईवे पर सफर करते हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। केंद्र सरकार अब FASTag को हटाकर एक नया सिस्टम – GNSS (Global Navigation Satellite System) आधारित टोल कलेक्शन लागू करने जा रही है। इस नई तकनीक से टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं होगी और न ही किसी स्कैनिंग या स्टिकर की। आइए जानते हैं इस नई प्रणाली के बारे में विस्तार से।

GNSS टोल सिस्टम क्या है?

GNSS यानी Global Navigation Satellite System एक सैटेलाइट आधारित टोल वसूली तकनीक है, जिसमें वाहन की GPS से लोकेशन ट्रैक की जाती है। जैसे ही कोई वाहन टोल सेक्शन में प्रवेश करता है, सिस्टम उसकी दूरी को ट्रैक करता है और जितना सफर हुआ, उसी हिसाब से टोल अपने आप वाहन स्वामी के खाते से कट जाता है। इसमें किसी इंसानी हस्तक्षेप की जरूरत नहीं होती।

GNSS सिस्टम की खास विशेषताएं

सरकार का उद्देश्य और योजना

सरकार का लक्ष्य है कि देश भर में टोल वसूली प्रणाली को डिजिटल, पारदर्शी और समय बचाने वाला बनाया जाए। GNSS से ट्रैफिक जाम, टोल चोरी और नकद लेन-देन जैसी समस्याएं खत्म होंगी। सरकार 2025 तक सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर GNSS टोल प्रणाली लागू करना चाहती है और इसके लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर, सॉफ्टवेयर और GPS डिवाइस की व्यवस्था कर रही है।

GNSS टोल सिस्टम के फायदे

FASTag यूज़र्स के लिए क्या जरूरी है?

जो लोग अभी FASTag का इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें जल्द ही GNSS सिस्टम में अपग्रेड करना अनिवार्य होगा। सरकार इसके लिए एक डेडलाइन घोषित करेगी। अगर समय पर अपग्रेड नहीं किया गया तो वाहन मालिकों पर जुर्माना लगाया जा सकता है।

GNSS में कैसे करें स्विच – स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस

  1. NIC पोर्टल पर वाहन की जानकारी अपडेट करें

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  2. सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विक्रेता से GPS आधारित डिवाइस खरीदें

  3. डिवाइस को वाहन में इंस्टॉल कराएं

  4. डिवाइस को NHAI सिस्टम से लिंक करें

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  5. बैंक खाता या पेमेंट वॉलेट को लिंक करें

एक बार सेटअप हो जाने के बाद, टोल शुल्क ऑटोमैटिक तरीके से कटता रहेगा।

GNSS डिवाइस की कीमत और विकल्प

डिवाइस का नामकीमत (₹)इंस्टॉलेशन समय
ARAI GPS GNSS₹2000 – ₹30001-2 घंटे
Hella Telematics₹2500 – ₹35002 घंटे तक
Bosch Mobility₹3000 – ₹40001.5 घंटे
KPIT GPS Tracker₹1800 – ₹28001 घंटा

ध्यान रखने योग्य सावधानियां

संभावित पेनल्टी

जो वाहन GNSS में अपग्रेड नहीं करेंगे और फिर भी टोल रोड का उपयोग करेंगे, उन पर सरकार भारी जुर्माना लगा सकती है। कैमरा और GPS मॉनिटरिंग से ऐसे वाहनों की पहचान की जाएगी।

GNSS टोल सिस्टम एक आधुनिक, सुविधाजनक और पारदर्शी समाधान है। अगर आप समय पर इस सिस्टम को अपनाते हैं तो न सिर्फ आप टोल पर समय बचा सकेंगे बल्कि जुर्माने से भी बच सकते हैं। यह बदलाव भारत के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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